ब्रज लीला और नवदीप लीला के परिकर
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ब्रज लीला में पर्जन्य नामक गोप श्री कृष्ण के दादा थे ,उन्होंने ही श्री हट में श्री उपेंद्र मिश्र के रूप में जन्म ग्रहण किया।
ब्रज में महामना बरियसी नामक गोपी,जो श्रीकृष्ण की दादी थी ,वहीं गौर लीला में श्री उपेंद्र मिश्र की पत्नी कमलावती हुईें ।।
ब्रज लीला में कृष्ण की माता यशोदा और पिता व्रजराज नंद थे उन्होंने ही गौर लीला में सचिदेवी और श्री जग्गनाथ मिश्र होकर जन्म ग्रहण किया।
श्री रोहिणी और श्री बसुदेव जो श्री रामकृष्ण के माता पिता थे उन्होंने ही गौर लीला में संत स्वभाव वाले पद्मावती और मुकुंद (श्री हटाई पंडित )के रूप में ब्राहमण कुल में जन्म ग्रहण किया।
ब्रज लीला में श्री कृष्ण को आनंद प्रदान करने वाली पूर्णमासी ,गौर लीला में गीत और पदों की रचना करने वाले श्री गोविंदाचार्य है।
ब्रज लीला में श्रीकृष्ण को स्तनपान कराने वाली अंबिका नामक धात्री स्त्री गौर लीला में श्रीवास पंडित की पत्नी मालिनी है
ब्रज लीला में श्री कृष्ण का उच्चिस्ट भोजन खाने वाली अंबिका की बहन किलिम्बिका गौर लीला में श्रीवास पंडित की भतीजी श्री नारायणी देवी हैं।
ब्रज लीला में श्री जानकी और श्री रुक्मणी एक साथ मिलकर गौर लीला में श्री बल्लभाचार्य की पुत्री श्री लक्ष्मी अर्थात लक्ष्मी प्रिया देवी हुई।
ब्रज लीला में पूर्व काल के सत्राजित राजा अब गौर लीला में श्री सनातन मिश्र है ।
सत्राजित की कन्या श्री सत्यभामा ही गौर लीला में श्री विष्णुप्रिया देवी हैं
मथुरा में श्रीकृष्ण का यज्ञोपवीत संस्कार कराने वाले श्री संदीपनी मुनि गौर लीला में अब श्री केशव भारती हैं।
श्री ब्रज मंडल के विख्यात श्री वृषभानु महाराज ही गौर लीला में पुंडरीक विद्यानिधि नामक महाशय हैं।
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