🌿🌹 *श्री ललिता अष्टकम*🌹🌿
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1) 🌷जो श्री श्री राधा-मुकुंद के चरणों के श्रम बिंदु(पसीने) की भी आराधना करती है,जो श्री श्री राधा श्याम सुंदर के साथ मित्रता वश निर्भीक होकर बात करती है,ऐसी अनंत गुणशालीनि श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूँ।
2)🌻 जिनके मुख की सुंदरता पूर्ण चन्द्र की अमृतमयी किरणों को तुच्छ करती है,जिनके नेत्र किसी सजग हरिणी के नेत्रों के जैसे हैं,जो श्री राधा को श्रृंगार करवाने में परम दक्ष हैं,ऐसे अनंत गुणशालीनि श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूं।
3) ☘जो मोरपंख के रंग के रेशमी परिधान(वस्त्र)धारण करती हैं, जिनका वर्ण गोरोचन को मात देता है,ऐसे अनंत गुणशालीनि श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूँ।
4) 🍂जो रसवर्धन के लिए श्री राधा को वाम्य नायिका की शिक्षा देती है,कठिन शब्दों में डांटकर रोकती है कि -"राधे इस धूर्त श्याम सुंदर पर विश्वास न करना,बिल्कुल मत आना इसकी बातों में",ऐसी अनंत गुणशालिनी श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूं।
5)🌸 जिन्हें भनक भी लग जाए अगर कि श्याम सुंदर राधारानी के साथ कुछ छल कर रहे,तो उनके नेत्र क्रोधसे लाल हो जाते हैं और जो श्याम सुंदर की भर्त्सना कर देती है,ऐसी अनन्त गुनशालिनी श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूं।
6)🥀 जो मैया यशोदा की अत्यंत स्नेह पात्री है,जो सभी सखियों की गुरु है,जिनका श्री श्री राधा कृष्ण में समान प्रेम है,ऐसी अनंत गुनशालिनी श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूं।
7)🍃 जो सभी व्रज ललनाओं को विनम्रता पूर्वक आग्रह कर उन्हें श्रीराधारानी सेवा में नियुक्त करती है,ऐसी अनंत गुनशालिनी श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूँ।
8)🌹 जो सदैव श्री श्री राधा माधव के मिलनोत्सव का विधान करती है,तथा उनके विलास से अत्यंत प्रसन्न होती है,जो राधारानी की सखियों में प्रधान है,ऐसी अनंत गुनशालिनी श्री ललिता जी की मैं वंदना करता हूँ
9)🍀 जो भी इस अष्टक को प्रेम पूर्वक पढ़ेगा,उसपर कीर्ति कुमारी श्री राधा अत्यंत प्रसन्न होगी और उसे अपने निज दासियों में गिनेगी।
जय ललिते🙌🏼🙇🏻🌹
आज यह भाव विनय करें
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