*अद्भुत रस निधान श्रीराधा पद चिन्ह*
श्रीराधाष्टमी आनेवाली है।सभी भक्तों से अनुरोध है कि जब ब्रज आए तो श्री वृन्दावन-बरसाना आदि भूमि के कण कण से प्रार्थना करे कि
"हे श्रीवृन्दावन🙇🏻 आपका कण कण श्रीराधारानी के पद चिन्हों से अंकित है।
श्रीराधा चरणों से टपकते मधु से आपका प्रत्येक अणु सिक्त है
परन्तु फिर भी ये बात मेरे अनुभव में नही आती
हे रजरानी! कृपा करो।मुझे ये अनुभूति प्रदान करो
जिस रज में श्याम सुंदर लोटते हैं,अपने अंगों पर मलते हैं,जो रज श्याम सुंदर के गाढ़ श्रीराधा-अनुराग की साक्षी है,वही रजरानी मुझपर कृपा करे
जो लोग निरन्तर व्रज-रज की सेवा कर रहे,ये झाडूदार नही,महान ऋषि हैं जिन्होंने इस सेवा के लिए विशेष जन्म लिया है।
हे रजरानी! मुझे ये प्रेम दृष्टि प्रदान करो
मुझे अपनी पूर्ण शरणागति प्रदान करो
हे रजरानी! कृपा करो🙌🏼🙇🏻"
महाजन गाते हैं-
*धुला नय धुला नय,गोपिपदरेणु।*
*शेई धुला मेखेछिलो,नंदसुत कानू*
अर्थात-
"ये धूल नही धूल नही,गोपियों की पद रेणु है।इसी पदरेणु को नंदसुत कन्हैया ने अपने अंगों पर मला था"
🙇🏻🏞🌹🙇🏻🏞🙏🏼🌹🙇🏻🏞🙏🏼
No comments:
Post a Comment