श्रीमती राधिका को कृष्ण कितने गुणा अधिक प्रिय है (बैदिक गणना के अनुसार
श्रील रूप गोस्वामी जी वर्णन करते है पराध्द संख्या को पराध्द संख्या से गुणा करने उतने गुणा अपने प्राणों से अधिक प्रिय है
बैदिक गणना के अनुसार
1 को एक
10 को दस
100 को सौ
1000 हज़ार
10000 सहस्त्र
100000 लक्ष (लाख)
1000000 नियुक्त (दस लाख)
10000000 कोटि (एक करोड़)
100000000 अबुर्द (दस करोड़)
1000000000 वृन्द(एक अरब)
10000000000 खर्व (दस अरब)
100000000000 निखर्व (एक खरव)
1000000000000 संख(10 खरव)
10000000000000 पद्म
100000000000000 सागर
1000000000000000 अन्त्य
10000000000000000 मध्य
100000000000000000 पराध्द कहते है
अर्थात
100000000000000000×
100000000000000000
जो आएगा उसके भी कई गुणा अधिक प्रिय है श्यामसुंदर ।
शेयर न करने को कहा जी यह
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