🙏🏼 *अष्टसखा* 🙏🏼
(१) सुरदासजी लीला में कृष्ण सखा है, उनकी ज्ञाति सारस्वत ब्राह्मण है, वह सीही गाम के है, "(रात्री) सखी चंपकलता" है ।
(२) कृष्णदासजी लीला में वॄषभ सखा है, उनकी ज्ञाति कणबी है, वह चोयला (गुजरात) के है । ( रात्री) "ललिता सखी" है ।
(३) परमानंददासजी लीला में तोक सखा है, उनकी कनोजिया ब्राह्मण है, और वह कनौज के है ।
(४) कुंभनदासजी लीला में अर्जुन सखा उनकी ज्ञाति, गौरवा क्षत्रिय है, वह जमनावता गाम के है । (रात्री) विशाखा सखी है ।
(५) चतुर्भुजदासजी लीला में विशाल सखा है, उनकी ज्ञाति गौरवा क्षत्रिय है, वह जमनावता गाम के है । (रात्री) विमला सखी है ।
(६) नंददासजी लीला में भोज सखा है, उनकी ज्ञाति सनोढिया ब्राह्मण है, वह रामपुर गाम के है । सखी चन्द्ररेखा है ।
(७) छीतस्वामीजी लीला में सुबल सखा है, उनकी ज्ञाति चतुर्वेदी ब्राह्मण (मथुरीया चौबे) है, वह मथुरा के है । पद्मासखी है ।
(८) गोविंददासजी लीला में श्रीदामा सखा है, उनकी ज्ञाति सनोढिया ब्राह्मण है, वह आंत री गाम के है । भामासखी है ।
*जय श्री कृष्ण....🌸💐👏🏼*
No comments:
Post a Comment