Tuesday, 28 November 2017

अष्टसखा

🙏🏼 *अष्टसखा* 🙏🏼

(१)   सुरदासजी लीला में कृष्ण सखा है, उनकी ज्ञाति सारस्वत ब्राह्मण है, वह सीही गाम के है, "(रात्री) सखी चंपकलता" है ।

(२)   कृष्णदासजी लीला में वॄषभ सखा है, उनकी ज्ञाति कणबी है, वह चोयला (गुजरात) के है । ( रात्री) "ललिता सखी" है ।

(३)   परमानंददासजी लीला में तोक सखा है, उनकी कनोजिया ब्राह्मण है, और वह कनौज के है ।

(४)   कुंभनदासजी लीला में अर्जुन सखा उनकी ज्ञाति, गौरवा क्षत्रिय है, वह जमनावता गाम के है । (रात्री) विशाखा सखी है ।

(५)   चतुर्भुजदासजी लीला में विशाल सखा है, उनकी ज्ञाति गौरवा क्षत्रिय है, वह जमनावता गाम के है । (रात्री) विमला सखी है ।

(६)   नंददासजी लीला में भोज सखा है, उनकी ज्ञाति सनोढिया ब्राह्मण है, वह रामपुर गाम के है । सखी चन्द्ररेखा है ।

(७)   छीतस्वामीजी लीला में सुबल सखा है, उनकी ज्ञाति चतुर्वेदी ब्राह्मण (मथुरीया चौबे) है, वह मथुरा के है । पद्मासखी है ।

(८)   गोविंददासजी लीला में श्रीदामा सखा है, उनकी ज्ञाति सनोढिया ब्राह्मण है, वह आंत री गाम के है । भामासखी है ।

*जय श्री कृष्ण....🌸💐👏🏼*

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